हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "तोहफ़ अल-अक़ूल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله:
أمّا علامةُ المُرائِي فَأربَعةٌ:
۱. يَحرِصُ في العَمَلِ للّه إذا كانَ عِندَهُ أحَدٌ
۲. و يَكسَلُ إذا كانَ وَحدَهُ،
۳. و يَحرِصُ في كُلِّ أمرِهِ على المَحمَدَةِ،
۴. و يُحسِنُ سَمْتَهُ بِجُهدِهِ،
पवित्र पैगंबर (स) ने फ़रमया:
रियाकार की चार निशानीयां होती हैं:
1. जब उसके पास कोई मौजूद होता है तो वह खुद को ईश्वर की आज्ञा मानने के लिए उत्सुक दिखाता है।
2. जब वह अकेला होता है, तो वह अल्लाह की आज्ञा मानने में आलसी होता है ।
3. हर काम की सराहना होती है।
4. और अपनी मेहनत से वह अपना रूप अच्छा बनाए रखता हैं।
तोहफ़ अल-अक़ूल, पेज 22